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Hindi Quotes

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Amir Khusrau
“Chaap Tilak

Chhap tilak sab cheeni ray mosay naina milaikay
Chhap tilak sab cheeni ray mosay naina milaikay
Prem bhatee ka madhva pilaikay
Matvali kar leeni ray mosay naina milaikay
Gori gori bayyan, hari hari churiyan
Bayyan pakar dhar leeni ray mosay naina milaikay
Bal bal jaaon mein toray rang rajwa
Apni see kar leeni ray mosay naina milaikay
Khusrau Nijaam kay bal bal jayyiye
Mohay Suhaagan keeni ray mosay naina milaikay
Chhap tilak sab cheeni ray mosay naina milaikay


Translation
You've taken away my looks, my identity, by just a glance.
By making me drink the wine of love-potion,
You've intoxicated me by just a glance;
My fair, delicate wrists with green bangles in them,
Have been held tightly by you with just a glance.
I give my life to you, Oh my cloth-dyer,
You've dyed me in yourself, by just a glance.
I give my whole life to you Oh, Nijam,
You've made me your bride, by just a glance.”
Amir Khusrau

“Brahma and Airavata

Long ago in lands of golden sand
Brahma turned to Saraswati
and gently kissed her inked hand....”
Muse, Enigmatic Evolution

Susan Mallery
“I don‟t hate men,” she said, giving him a quick glance before returning her attention to keeping her horse in line. “I think you‟re a bit overrated, butthat‟s not hating . Men have ruled women and the world by virtue of their gender for several hundred years.”
“Cream always rises to the top,” he replied.
“This isn‟t about cream. It‟s about ruling through physical and mental intimidation. We all have strengths and weaknesses. The difference is,most women are willing to discuss both, while most men only want to talk about their strengths.”
Susan Mallery, The Sheik's Arranged Marriage

John Speed
“Fortunately she stopped the servants before the platters of cold meats left the house, sending them back to the kitchen where she had the ham and beef placed on separate plates, for the Hindi Christians despite their conversion would not eat cow and the Muslims would not eat pig. The Portuguese, of course, ate anything.”
John Speed (The Temple Dancer), The Temple Dancer

Mohit Sharma
“किसी व्यक्ति/बात का पक्ष लेने में ज्ञान हमारी मदद भी करता है और रोकता भी है। फैसला करने से पहले विभिन्न अधिकृत-अनधिकृत घटकों से जाँचना ज़रूरी है कि उपलब्ध जानकारी का उद्गम कहाँ से हुआ है, क्योकि संभव है जिस जानकारी के बल पर हम सही-गलत का निर्णय कर रहे हों वह स्रोत से ही किसी पक्ष के स्वार्थ के लिए दूषित कर दी गयी हो।”
Mohit Sharma, Trendy Baba Series

जयशंकर प्रसाद
“चक्र! ऐसा जीवन तो विडंबना है, जिसके लिये रात-दिन लड़ना पड़े!”
जयशंकर प्रसाद, स्कंदगुप्त

“I have memorized you
(तुझे याद कर लिया है)

like holy scripture /
(आयात की तरह)

For me, now you have become
(कायाम तू हो गयी है)

Like a ritual /
(रिवायत की तरह)

I have memorized you
तुझे याद कर लिया है

till the moment I die, you will remain
(मरने तलक रहेगी)

like a habit of mine /
(तू आदत की तरह)

I have memorized you
(तुझे याद कर लिया है)

like holy scripture
(आयात की तरह)”
A.M. Turaz

Abhishek Ojha
“मान लीजिए जिसको शेयर बाजार के बारे में इतना बुझाएगा ...उ बैठ के टीवी पर बताएगा कि खुद पैसा बनाएगा ?”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

“Jab vakt tha
Tab ham na the

Jab ham the
Tab vakt na tha”
PANKAJ SARPAL

“आदमी की संकल्प-शक्ति दृढ़ होनी चाहिए, ऐसी दृढ़ की बस फ़ौलाद!”
अज्ञेय

Abhishek Ojha
“कुछ रिश्ते आपको वो बना देते हैं जो आप नहीं होते - अच्छे से अच्छा, बुरे से बुरा।”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

Abhishek Ojha
“जलेबी में कैलोरी गिनूँ इतना भी बदनसीब नहीं हूँ।”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

Abhishek Ojha
“सब कुछ हो सकता है पर हम फिर से वो नहीं हो सकते जो दिल टूटने के पहले हुआ करते थे।”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

Abhishek Ojha
“स्मृति में लोग वैसे ही रह जाएं जैसे मिले थे तो कितना अच्छा होता। दुबारा मिलने पर अक्सर झटका क्यों लग जाता है? जैसे जैसे हम किसी को जानने लगते हैं उनकी परतें खुलने लगती हैं।”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

Abhishek Ojha
“भारत में सबसे प्रचलित यदि कुछ है तो वो है सड़क किनारे की चाय। पर वो इतनी विशेष इसलिए भी है कि हर दूसरी चाय भिन्न ही होती है! किसी भी दो जगहों पर तुम्हें एक जैसी चाय नहीं मिलेगी। भारत भी ऐसा ही है, सब कुछ एक जैसा होते हुए भी बिल्कुल अलग-अलग। एक-सा पर अपने अंदर अनंतता लिए।”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

Abhishek Ojha
“थोड़ा जादे गंदगी है, का कीजिएगा कुकुर ही नहीं यहाँ आदमी भी खंभा देख के उसी का इस्तेमाल करते हैं। कभी आपके दिमाग में आया है कि ये खंभा भी कभी तो एकदम फरेस… चूना-पालिस मारके एकदम चका��क रहा होगा। फिर अइसा कौन आदमी होगा जो पहली बार मुँह उठा के थूका होगा? माने अभी तो गंदा है तो लग रहा है कि जगहे है थूकने का। लेकिन जब चमक रहा होगा तब जो सर्र से थूक के लाल कर दिया होगा… उसको मज़ा आया होगा क्या? चमचमाती दीवार देख थूकने वाले का थूकने के लिए जी मचल जाता होगा या उसको थूक कर बुरा लगता होगा?”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

Abhishek Ojha
“बीरेंदर ने अपनी दोस्त का परिचय कराया “मिलिए हमारी दोस्त मेंटल से। जानते हैं भैया क्या हुआ? हम भगवान से मांगे थे मानसिक शांति। आ उ हुआ का कि अङ्ग्रेज़ी-हिन्दी के चक्कर में थोड़ा गरबरा गया। हमारा उच्चारन भी तो वही है। तो भगवानजी हमको ‘मेंटल पीस’ का जगह एक ठो 'मेंटल पीस' दे दिये।”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

Abhishek Ojha
“जो हुआ अच्छे के लिए ही हुआ …हमें वैसे दिखे न दिखे। कई बार हम उस छोटे से कीड़े की तरह होते हैं जिसे चबा लिए जाने के ठीक पहले हवा शेर के जबड़े से उड़ा कर निकाल दे और वो डिप्रेस हो जाये कि ये क्या हो गया! वहाँ तो हम कितने मजे में थे।”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

Abhishek Ojha
“जो भी काम करो उसीमें दिमाग और मन लगाओ। माने घासे छिलो तो साला ऐसा कि गोल्फ़ कोर्स का कॉन्ट्रैक्ट मिल जाए।”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

Abhishek Ojha
“ऐ मौसम बैज्ञानिक के सार, गर्मी में गर्मी नहीं होगा त शीतलहरी चलेगा रे? आ जानते हैं भैया जो जेतना गर्मी-गर्मी चिल्ला रहा है ना, अगर कल को पटना में गलती से बर्फ पड़ गया… त इहे सब आदमिया आपको जीने नहीं देगा कि देखो कैसे मौसम का माँ-बहन हो गया है!”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

“जीवन में हर सांस में ‘हे ईश्वर मेरी इच्छा पूर्ण हो” कहने की बजाये “हे ईश्वर आपकी इच्छा पूर्ण हो” कहना ही हमारे लिये सर्वश्रेष्ठ प्रार्थना है।

अधिकांश लोग ईश्वर को मानने का ढोंग तो करते हैं मगर दुर्योधन की तरह अपने कृत्यों को करते हुए उनके होने को भूल जाते हैं। दुर्योधन की तरह श्री हरि की उपेक्षा करके कोई कैसे इस जीवन संग्राम को जीत सकता है? क्या ये बात समझना बहुत मुश्किल है?

केवल धार्मिक और नीतिगत कार्यों में संलग्न रहने वाले ही उनके दिव्य विराट चतुर्भुज रूप के दर्शन कर पाते हैं, जीवन यात्रा सफल कर उनके पावन अंक में स्थान पाते हैं। जो भी करें वो उनके भक्त या उनके आश्रित अर्जुन के रूप में करें। ईश्वर स्वंय आपके सारथी बन जाएंगे।

प्रभु से प्रार्थना है कि आप शतायु हों, सदा स्वस्थ रहे और ऊर्जावान बने रहें तथा आपका हर दिन प्रसन्नता से भरा रहे। मंगल शुभकामनाएँ।”
Rajesh Goyal

“You know, medicines also expire.
So take that medicine before it expires. Otherwise, one day those medicines will also expire, then such medicines will not be found anywhere again.”
Bhaskar Gautam

Tarang Sinha
“ज़िन्दगी में सिर्फ एक ही डर होता है, और वो होता है कुछ खो देने का डर।”
Tarang Sinha

Vikrmn: CA Vikram Verma
“The only leader, who dares to speak in Hindi while addressing world forums or a wide diaspora of NRIs abroad, is Modi Ji.”
Vikrmn: CA Vikram Verma, Modified Leadership

Tarang Sinha
“क़ुबूल हुआ करती गर दुआ हमारी,
तो हम भी कुछ दुआ मांग लेते...”
Tarang Sinha

Tarang Sinha
“इस ढलते सूरज को देख रहे हो?' उसने कहा। 'मैं हमेशा उदास हो जाती हूँ इसे देखकर, ये जानते हुए कि ये सूरज कल लौटेगा, एक नई चमक के साथ। सोचो, कितना मुश्किल होता होगा उसे जाने देना जिसके लौटने की कोई उम्मीद न हो?”
Tarang Sinha

Geeta   Sharma
“मैं जानता हूं तुम मुझसे खुश नहीं हो पर जानता हूं एक दिन तो आएगा जब मैं भी तुम्हारे लिये सब कुछ बन जाऊंगा जैसे तुम हो मेरे लिये, जानता हूं धारा मुझे यहां अचानक देखकर तुम शॉक हो, शायद यही मेरी गलती है बिना वजह यूं ही टपक जाता हूं तुम्हारी लाइफ में, पर पता नहीं क्यों इतनी बार दूर जाने के बाद भी तुमसे अलग नहीं हो पाता...."
- 'प्‍यार मुझसे जो किया तुमने' गीता शर्मा”
Geeta Sharma

Abhishek Ojha
“ऐसा अंतर्मुखी और उत्सुक कि उसका आकलन लोग दो विपरीत तरीके से करते - आधे लोग कहते, ये बोलता ही नहीं है। बाक़ी कहते, ये कितना ज्यादा बोलता है! ”
Abhishek Ojha, लेबंटी चाह | Lebanti Chah

“श्वान जीवन मे,
सटीक सत्य मुख मे,
सचित्रता हृदय मे ,
सरलता व्यवहार मे,
यही हु मे”
डॉ. रोनक केलैया

“शुभ रविवार।

सज्जनता, श्रेष्ठता और देवत्व – ये गुण किसी भी प्रशिक्षण या उपदेश से परे हैं। यदि ये स्वभाव में विद्यमान हैं तो स्वतः प्रकट होते हैं, अन्यथा नहीं।

दूसरी बात ये की – अपनी जात यानि मूल स्वभाव… धर्म मतलब सहज कर्म… ये दोनों किसी को दिखाने - बताने की बात नही है.. आचरण से, व्यवहार से और दैनिक कार्यों से प्रकट हो ही जाते हैं।

इसीलिए अपने दैनिक कर्मों, भावों, आचरण और विचारों की समीक्षा करना प्रार्थना है। स्वयं को निरन्तर खंगालना, अपनी गलतियों को सहजता से स्वीकार करना, उनसे सीखकर खुद को बदलने के लिए सच मे प्रयास करना प्रार्थना है।

प्रभु से प्रार्थना है कि आपकी वाणी और व्यवहार से मीठा रस बरसता रहे तथा आप उनके द्वारा निर्देशित मार्ग पर चलते हुए नित नई ऊंचाइयों को छुएं। मंगल शुभकामनाएं।

श्री राम दूताय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।”
Rajesh Goyal, राजेश गोयल

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